बिलासपुर।। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहरी है कि विभागीय अधिकारी भी अब इसे ठीक कर पाने में खुद को असमर्थ पाते हैं। इतना ही नहीं सबसे बुरी हालत स्वास्थ्य विभाग की है जहां खुद जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने यह मान लिया कि, अपने ही विभाग में पहली अवस्था और भ्रष्टाचार को ठीक कर पाना उनके लिये असंभव है। इनकी माने तो उन्हें अब बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग और विशेषकर जिला मुख्यालय में सुधार की कोई गुंजाइश नजर ही नहीं आ रही है। आलम ये है कि, अब मीडिया के सामने ऐसा बयान देने से भी अधिकारी जरा भी परहेज़ नहीं करते।
गौरतलब है बिलासपुर स्वास्थ्य विभाग में पिछले दिनों एन्टी क्रप्शन ब्योरो ने एक भ्रष्ट अधिकारी डॉ अविनाश खरे को रंगे हाथों ₹50000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था । इसके बाद से जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने लगातार विभाग में मौजूद ऐसे अधिकारियों को चिन्हांकित कर निर्देश देने का काम किया। जिनकी संलिप्तता भ्रष्टाचार को बढ़ाने में थी। लेकिन मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी होने के बावजूद भी उनका नियंत्रण अपने ही विभाग अधीनस्थ कर्मचारी और अधिकारियों पर नहीं है। लिहाजा सीएचएमओ को बकायदा पत्र लिखकर यह सूचित करना पड़ा कि अगर विभाग में कोई अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार की गतिविधियों में लिप्त पाया जाएगा तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी । इन सब के बावजूद भी ऐसे अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी ।मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मधूलिका की माने तो, उनके विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी है कि उनकी पूरी जिंदगी निकल जाएगी उसे खोदने और ठीक करने में।